🌿 Day 5 – भावनात्मक संतुलन: गुस्सा, दुख और डर को काबू करने की कला भावनाएँ हमारी पहचान का हिस्सा हैं। हम चाहे दबाएँ या छुपाएँ — भावनाएँ हमेशा हमारे भीतर काम करती रहती हैं। लेकिन जब भावनाएँ हमारे ऊपर हावी होने लगती हैं, तो जीवन का संतुलन बिगड़ जाता है। आज का यह ब्लॉग आपको सिखाएगा कि गुस्सा, दुख, चिंता, डर और बेचैनी को कैसे पहचानें, समझें और शांत करें। ✨ Summary Box (मुख्य बातें) भावनाएँ शरीर में एक Chemical Reaction के रूप में बनती हैं ज्यादातर लोग भावनाओं को दबाते हैं → जिससे तनाव बढ़ता है भावनाओं को Observe करना = Emotional Healing की शुरुआत गुस्सा, दुख और डर का अपना Biological Purpose है Ayurveda में भावनाओं को मन, प्राण और ओज से जोड़ा गया है 🔶 भावनात्मक संतुलन क्या है? भावनात्मक संतुलन का मतलब है — हर परिस्थिति में आपकी भावनाएँ आपके नियंत्रण में रहें , न कि आप उनकी पकड़ में। यह भावनाओं को दबाना नहीं, बल्कि उन्हें स्वीकार करके समझना है। 🔶 भावनाओं के पीछे विज्ञान हमारे दिमाग में Amygdala नाम का एक हिस्सा होता है, जो खतरा, दुख...
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